Kuberaa Movie Review: धनुष और नागार्जुन की शानदार एक्टिंग के साथ एक सोचने पर मजबूर कर देने वाली फिल्म

Kuberaa Movie Review: 20 जून 2025 को रिलीज हुई “Kuberaa” तेलुगु सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर शेखर कम्मुला की नवीनतम फिल्म है, जो सामाजिक मुद्दों को एक काल्पनिक कहानी के जरिए पेश करती है। इस फिल्म में धनुष, नागार्जुन, रश्मिका मंदाना और जिम सरभ जैसे बड़े स्टार्स ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं। सुनिल नारंग और पुष्कर राम मोहन राव द्वारा निर्मित इस फिल्म का संगीत देवी श्री प्रसाद ने दिया है, जबकि निकेथ बोम्मी की सिनेमैटोग्राफी ने इसे विजुअली स्टनिंग बना दिया है।

यह फिल्म सिर्फ एक मनोरंजक ड्रामा नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो लालच, नैतिकता और सामाजिक असमानता जैसे गंभीर विषयों पर गहराई से सोचने पर मजबूर करती है। तो आइए, जानते हैं कि Kuberaa आखिर क्या खास पेशकश करती है!

Kuberaa एक ऐसी फिल्म जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी

तेलुगु सिनेमा में शेखर कम्मुला का नाम एक ऐसे फिल्ममेकर के तौर पर जाना जाता है जो सामाजिक मुद्दों को बेहद खूबसूरती से पर्दे पर उतारते हैं। उनकी नई फिल्म “Kuberaa” भी इसी कड़ी में एक और शानदार कदम है। यह फिल्म सिर्फ एक मनोरंजक ड्रामा नहीं है, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो आपको लालच, नैतिकता और सामाजिक असमानता के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर कर देगी।

कहानी किस बारे में है?

Kuberaa की कहानी दो अलग-अलग दुनियाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। एक तरफ धनुष का किरदार आनंद है, जो मुंबई के धारावी की झुग्गियों में रहने वाला एक छोटा-मोटा अपराधी है। उसकी जिंदगी तब पलट जाती है जब उसे एक रहस्यमय सूटकेस मिलता है, जिसमें ढेर सारा पैसा भरा होता है। यहीं से शुरू होती है उसकी एक ऐसी यात्रा जो उसे नैतिकता और लालच के बीच झूलने पर मजबूर कर देती है।

वहीं दूसरी तरफ, नागार्जुन का किरदार राघव, एक ईमानदार पुलिस अधिकारी है जो एक बड़े वित्तीय घोटाले की जांच कर रहा है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, आनंद और राघव के रास्ते एक-दूसरे से टकराते हैं और एक बड़े षड्यंत्र का खुलासा होता है, जिसके पीछे एक रहस्यमय व्यक्ति “Kuberaa” का हाथ होता है।

सवाल यह है:

  • क्या आनंद अपनी परिस्थितियों से ऊपर उठ पाएगा?
  • क्या राघव इस मामले को सुलझा पाएगा?
  • और सबसे बड़ा सवाल… Kuberaa आखिर है कौन?

अभिनय: धनुष और नागार्जुन ने छोड़ दिया गहरा प्रभाव

धनुष – एक बार फिर शानदार!

धनुष ने आनंद के किरदार को जिस तरह से पर्दे पर जीवंत किया है, वह सचमुच प्रशंसा के काबिल है। वह एक ऐसे शख्स का रोल कर रहे हैं जो गरीबी और अपराध के बीच फंसा हुआ है, लेकिन जब उसके हाथ में अचानक से बहुत सारा पैसा आ जाता है, तो उसकी नैतिकता और लालच के बीच एक जंग छिड़ जाती है। धनुष ने इस किरदार की हर भावना को बेहद सूक्ष्मता से दिखाया है।

नागार्जुन – गंभीर और प्रभावशाली

नागार्जुन ने राघव के रूप में एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया है। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और गंभीर अभिनय ने फिल्म को एक अलग ही लेवल पर पहुंचा दिया है। खासकर जब वह धनुष के किरदार के साथ स्क्रीन शेयर करते हैं, तो दोनों के बीच का केमिस्ट्री दर्शकों को बांधे रखता है।

रश्मिका मंदाना और जिम सरभ – सहायक भूमिकाओं में अच्छे

रश्मिका मंदाना और जिम सरभ ने भी अपने-अपने किरदारों को अच्छी तरह से निभाया है, हालांकि उनकी भूमिकाएं थोड़ी सीमित हैं।

तकनीकी पहलू: संगीत, सिनेमैटोग्राफी और उत्पादन डिजाइन

संगीत – देवी श्री प्रसाद का जादू

देवी श्री प्रसाद का संगीत फिल्म के मूड को पूरी तरह से कैप्चर करता है। बैकग्राउंड स्कोर खासकर काफी प्रभावशाली है और कहानी के इमोशनल पलों को और भी ज्यादा गहरा बना देता है।

सिनेमैटोग्राफी – धारावी और हैदराबाद को जीवंत कर दिया

निकेथ बोम्मी की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। धारावी की गलियों से लेकर हैदराबाद के शहरी लैंडस्केप तक, हर शॉट को बेहद खूबसूरती से कैप्चर किया गया है।

उत्पादन डिजाइन – वास्तविकता का एहसास

फिल्म का सेट और प्रोडक्शन डिजाइन काफी वास्तविक लगता है, खासकर धारावी के दृश्यों में। ऐसा लगता है जैसे आप वहीं खड़े हैं।

फिल्म की ताकत और कमजोरियाँ

ताकत:

  • धनुष और नागार्जुन का शानदार अभिनय
  • शेखर कम्मुला की स्टोरीटेलिंग
  • मजबूत सामाजिक संदेश
  • देवी श्री प्रसाद का संगीत
  • धारावी और हैदराबाद को बेहद वास्तविक तरीके से दिखाया गया

कमजोरियाँ:

  • दूसरे हाफ में थोड़ी सुस्ती आ जाती है
  • कुछ सहायक किरदारों को और विकसित किया जा सकता था
  • रनटाइम थोड़ा लंबा लग सकता है

फैसला: क्या आपको Kuberaa देखनी चाहिए?

Kuberaa एक ऐसी फिल्म है जो आपको सिर्फ मनोरंजन ही नहीं देती, बल्कि आपको सोचने पर भी मजबूर करती है। अगर आपको किरदार-प्रधान कहानियाँ पसंद हैं, जिनमें सामाजिक मुद्दों को गहराई से उठाया गया हो, तो यह फिल्म आपके लिए है। धनुष और नागार्जुन के शानदार अभिनय के साथ-साथ शेखर कम्मुला की दिशा ने इसे एक यादगार अनुभव बना दिया है।

अंतिम शब्द: अगर आपको थोड़ी अलग, सोचने पर मजबूर कर देने वाली फिल्में पसंद हैं, तो Kuberaa जरूर देखें। यह फिल्म आपको लंबे समय तक याद रहेगी।

क्या आपने Kuberaa देखी? आपको कैसी लगी? कमेंट में अपनी राय जरूर शेयर करें!

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