Kingdom Movie Review: हर अभिनेता के करियर में एक ऐसा मोड़ आता है जहाँ वो उम्मीद करता है कि अब कुछ बेहतर होगा। विजय देवरकोंडा के लिए Kingdom वही उम्मीद लेकर आई है। ‘Liger’, ‘Kushi’ और ‘The Family Star’ जैसी फ्लॉप फिल्मों के बाद, Kingdom पर सभी की नज़रें टिकी थीं। यह फिल्म 31 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई और पहले ही दिन दर्शकों से मिली-जुली लेकिन उम्मीद जगाने वाली प्रतिक्रिया मिली।
Kingdom Movie Review – कहानी में इमोशन और थ्रिल का मेल
फिल्म की कहानी 1990 के दशक में सेट है जहाँ विजय देवरकोंडा ‘सूरी’ नाम के एक सिपाही का किरदार निभा रहे हैं। सूरी अपने लापता भाई शिवा की तलाश में श्रीलंका जाता है, जहाँ उसे पता चलता है कि उसका भाई एक स्मगलिंग गैंग का हिस्सा बन चुका है। उसे एक अंडरकवर एजेंट के रूप में मिशन सौंपा जाता है और वह गैंग में शामिल होकर अपने भाई के करीब पहुंचता है। अब सवाल ये है – क्या शिवा उसे पहचान पाएगा? क्या दोनों भाई एक साथ आएंगे या आमने-सामने खड़े होंगे?
विजय देवरकोंडा की अब तक की सबसे शांत और असरदार परफॉर्मेंस
इस Kingdom में सबसे ज़रूरी बात ये है कि विजय देवरकोंडा ने इस बार ओवरएक्टिंग से दूर रहते हुए एक गंभीर और संतुलित किरदार निभाया है। उनकी बॉडी लैंग्वेज, डायलॉग डिलीवरी और इमोशनल सीन्स में ईमानदारी झलकती है। दर्शकों को उनका यह नया अवतार पसंद आ रहा है।
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टेक्निकल लेवल पर फिल्म मजबूत लेकिन थोड़ी अधूरी
Kingdom movie review अगर बात करे तो फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। श्रीलंका के बैकड्रॉप में शूट किए गए सीन विजुअली बहुत सुंदर हैं। कुछ एक्शन सीक्वेंस जैसे इंटरवल से पहले का ब्रिज फाइट और क्लाइमेक्स प्रभावशाली हैं। म्यूजिक डायरेक्टर अनिरुद्ध रविचंदर ने बैकग्राउंड स्कोर अच्छा दिया है, लेकिन कुछ नया या यादगार नहीं मिल पाता।
हालाँकि, फिल्म की कहानी में जो गहराई होनी चाहिए थी, वो कहीं न कहीं मिस हो जाती है। खासकर दो भाइयों के बीच की इमोशनल बॉन्डिंग को पूरी तरह से उभारा नहीं गया है। सत्यदेव और भाग्यश्री बोरसे जैसे किरदारों को भी पूरा स्पेस नहीं मिला, जिससे उनकी कहानियां अधूरी लगती हैं।
क्या Kingdom Movie विजय का कमबैक है?
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा है कि इस Kingdom movie में वे विजय को नहीं बल्कि सिर्फ ‘सूरी’ को देखते हैं – यानी कि एक सफल परफॉर्मेंस का सबसे बड़ा सबूत। कुछ दर्शकों को फिल्म की धीमी रफ्तार से शिकायत है, लेकिन ज़्यादातर लोग मानते हैं कि यह फिल्म उनके करियर के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।
अगर आप kingdom movie review पढ़कर यह जानना चाहते हैं कि फिल्म देखनी चाहिए या नहीं – तो जवाब है, हाँ, एक बार देखी जा सकती है। यह फिल्म भले ही कोई नई कहानी नहीं बताती, लेकिन विजय देवरकोंडा का परिपक्व अभिनय, दमदार लोकेशन्स और कुछ अच्छे एक्शन सीन्स इसे एक ‘watchable’ फिल्म बनाते हैं। फिल्म दो हिस्सों में बनी है, इसलिए इसका अगला भाग इस कहानी को और बेहतर बना सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने और समीक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत अनुभव और रिसर्च पर आधारित हैं। किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना उद्देश्य नहीं है। कृपया फिल्म देखने का निर्णय स्वयं की पसंद और समझ से लें।